आज की नारी की सोच को दिखाती सशक्त रचना। आज की नारी की सोच को दिखाती सशक्त रचना।
असहिष्णुता की धुंध में ओझल थे दोनों छोरों पर इकट्ठे लोगों के दुखी चेहरे शक और गलतफहमियों की आग में स... असहिष्णुता की धुंध में ओझल थे दोनों छोरों पर इकट्ठे लोगों के दुखी चेहरे शक और गल...
दरवाज़े के उस पार जाने के लिए बस एक कदम की दूरी है! दरवाज़े के उस पार जाने के लिए बस एक कदम की दूरी है!
देह के समीकरण देह के समीकरण
जख्मों को वो अपने खुद सीने लगता है मेरा मन बादलों सा उड़ने लगा है। जख्मों को वो अपने खुद सीने लगता है मेरा मन बादलों सा उड़ने लगा है।
इस चालीस पार का क्या ग़म मनाना इस चालीस पार का क्या ग़म मनाना